चिरना

चिरना के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चिरना के हिंदी अर्थ

अकर्मक क्रिया

  • फटना, सीध में कटना, जैसे,—कपड़ा चिरना, लकड़ी चिरना
  • लकीर के रूप में घाव होना, सीधा क्षत होना, जैसे, फट्टी मत छुओ, उँगली चिर जायगी
  • किसी वस्तु का किसी दूसरीधारदार वस्तु द्वारा चीरा जाना, छोटे-छोटे टुकड़ों में आरे, चाक आदि के द्वारा विभक्त होना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चीरने का औजार
  • सोनारों का एक औजार
  • कुम्हारों का वह धारदार लोहा जिससे वे नरिया चीरते हैं
  • कसेरों का एक औजार जिससे वे थाली के बीच में ठप्पा या गोल लकीर बनाते हैं

चिरना के अंगिका अर्थ

क्रिया

  • फाड़ना, एक सीधी लकीर में कटना

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