गृह्यसूत्र

गृह्यसूत्र के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

गृह्यसूत्र के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वे विशिष्ट वैदिक ग्रंथ, जिनमें सब प्रकार के गृह्यकर्मों, संस्कारों आदि के विधान बताए गए हैं, इन ग्रंथों में पाँच मुख्य है- आश्वलायन, कात्यायन, सांख्यायन, मानव और गोभिल

गृह्यसूत्र के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह वैदिक पद्धति की पुस्तक जिसमें लिखे हुए नियमों के अनुसार गृहस्थ लोग मुंडन, यज्ञोपवीत, विवाह आदि सब संस्कार और कार्य करते हैं, पाँच गृह्यसूत्र बहुत प्रसिद्ध हैं— 1. आश्वलायन 2. कात्यायन 3. सांख्यायन 4. मानव और 5. गोभिल
  • विवाह आदि संस्कारों की वैदिक पद्धति

गृह्यसूत्र के मैथिली अर्थ

गृह्य-सूत्र

संज्ञा

  • गृह्यकर्म अनुष्ठान-प्रक्रिया का ग्रन्थ

Noun

  • canonical books on the procedure of domestic rites.

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