हरवा

हरवा के अर्थ :

हरवा के मालवी अर्थ

संज्ञा, विशेषण, स्त्रीलिंग

  • हरवी, जो भारी न हो, हल्का, मीठा, गले का हार, गले की मिठास।

हरवा के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, विशेषण, पुल्लिंग

  • 'हार'

    उदाहरण
    . चंपक हरवा अँग मिलि अधिक सुहाइ । जानि परै सिय हियरे जब कुँभिलाइ ।

  • 'हरुवा'

    उदाहरण
    . नैकहि मैं हरवो होइ जात, खिसै अध विंद ज्यौं जोग जती कौ । . सुंदर मौन गहे रहै जानि सकै नहिं कोइ । बिन बोलै गुरवा कहैं बोले हरवा होइ ।

हरवा के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • थकान

हरवा के ब्रज अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • हार , गले का आभूषण

    उदाहरण
    . कबि बोधा न चाडि सर कबहुँ नितहूँ हरवा सो हिराबो कर।

  • हल्का

हरवा के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • हार, माला; गले का एक आभूषण; मूंगा, मोती, काँच, चीनी मिट्टी आदि की माला; (हल) हल, खेत जोतने का औजार

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