झोली

झोली के अर्थ :

झोली के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • a small bag
  • any cloth stretched out to collect something
  • begging bag

झोली के हिंदी अर्थ

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • इस प्रकार मोड़कर हाथ में लिया या लटकाया हुआ कपड़ा कि उसके नीचे का भाग एक गोल बरतन के आकार का हो जाय और उसमें कोई वस्तु रखी जा सकै , कपड़े को मोड़कर बनाई हुई थैली , धोकरी , जैसे, गुलला की झोली, साधुओं की झोली

    विशेष
    . यह किसी चौखूँटे कपड़े के चारों कोनों को लेकर इकट्ठा बाँधने से बन जाती है । कभी कभी इसके नीचे के खुले हुए चारों कोनों को कुछ दूर तक सी भी देते हैं ।

  • घास बाँधने का जाल
  • मोट , चरसा पुर
  • वह कपड़ा जिससे खलिहान में अनाज में मिला हुआ भूसा उड़ाकर अलग किया जाता है
  • बौंरा , कुशती का एक पेंच

    विशेष
    . यह पेंच उस समय किया जाता है । जब विपक्षी किसी प्रकार अपनी पीठ पर आ जाता है । इसमें एक हाथ उलटकर उसकी कमर पर देते हैं और दूसरे से उसकी टाँगों की संधि पकड़ कर उठाते हैं ।

  • सफरी बिस्तर जो चारों कोनों पर लगी हुई रस्सियों के द्वारा खंभे पेड़ आदि में बाँधकर फैलाया जाता है
  • रस्सियों का एक प्रकार का फंदा जिसके द्वारा भारी चीजों को उठाते हैं

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • राख , भस्म

    विशेष
    . यह मुहावरा घर जलने की घटना से लिया गया है अर्थात् जब घर जलकर राख हो गया तब पानी लेकर बुझाने के लिये पहुँचे ।

झोली के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

झोली से संबंधित मुहावरे

  • झोली छोड़ना

    बुढ़ापे के कारण शरीर के चमड़े का झूल जाना

  • झोली डालना

    भिक्षा माँगने के लिए झोली उठाना, साधु या भिक्षुक हो जाना

  • झोली बुझाना

    सब काम हो चुकने पर पीछे उसे करने चलना, कोई बात हो जाने पर व्यर्थ उसके संबंध में कुछ करना

  • झोली भरना

    साधु को भरपूर भिक्षा देना

झोली के कुमाउँनी अर्थ

झोलि

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चावल या बेसन को दही या मढे में मिलाकर बनाई गयी कढ़ी; छोटे आकार का झोला, लाल टूल के कपड़े का छोटा-सा थैला जिसमें देव विशेष या भूतप्रेतादि के लिए कुछ वस्तु रखी जाती है (5415)

झोली के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कपड़े के चारों कोनों को बाँध कर बनाया गया थैला, जो भीख माँगने या हजारी माला जपने के काम आता है, देवताओं से आशीष माँगने के लिए फैलाया हुआ आँचल

झोली के मगही अर्थ

संज्ञा

  • कपड़ा, चमड़ा, टाट आदि की सामान रखने की थैली; घास-भूसा रखने का जालनुमा थैला; कुश्ती का अभाव का एक पेंच; साधु-संन्यासी, भिखारी आदि की थैली; आँचल फैलाकर उसके छोरों को उठाने से बना स्थान

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