कँगना

कँगना के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • देखिए - कंकण

कँगना के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कंकण बाँधते व खोलते समय गाया जाने वाला गीत-विशेष

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पहाड़ी मैदानों में होने वाली घास-विशेष

कँगना के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हाथ में पहनने का एक गहना, कंगन, कड़ा, देखिए: 'कंकण'

    उदाहरण
    . गियँ अमरन पहिरैं जहँ ताई। औ पहिरै कर कँगन कलाई।

  • (हिंदू) कलावे का डोरा जो शादी में फेरा के समय दूल्हे की दाहिनी कलाई और दुल्हन की बाँई कलाई में शगुन के तौर पर बाँधते हैं, विवाह के समय वर-वधू के हाथ में बाँधा जाने वाला मंगल धागा
  • वह गीत जो विवाह में कंगन बाँधते या खोलते समय गाया जाता है

    उदाहरण
    . कँगना कंगन बाँधने के समय गाया जाता है।


संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की घास जिसे बैल, घोड़े आदि बहुत खाते हैं और जो पहाड़ के मैदानों में अधिक होती है, साका

    उदाहरण
    . कंगना को बैल,घोड़े आदि बड़े चाव से खाते हैं।

कँगना के अंगिका अर्थ

कंगना

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • हाथ में पहनने का एक आभूषण, कंगन

कँगना के अवधी अर्थ

कङना, ककना

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कंकण; यह शब्द प्रायः गीतों में प्रयुक्त होता है, बोलचाल का रूप 'ककना' है

कँगना के कुमाउँनी अर्थ

कंगना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कंगन बाँधते समय गाया जाने वाला मांगलिक गीत

कँगना के मगही अर्थ

कंगना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मणिबंध (हाथ का गट्टा) पर स्त्रियों के पहनने का एक आभूषण (कंगन)

कँगना के मैथिली अर्थ

कङना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कंगन

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