murii meaning in bagheli
मुरी के बघेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- गाँठ रहित बन्धन, बिना गाँठ के रस्सी को मोड़ने की विधि
मुरी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- मूरि
- कपड़ों आदि को मरोड़कर उनमें डाला जानेवाला बल, जैसे-धोती कमर पर मुरीं देकर पहनी जाती है, क्रि० प्र०-देना, मुहा०-मुरी देना = (क) कपड़ा फाड़ते समय उसके फटे हुए अंशों को दोनों ओर बराबर घुमाते या मोड़ते जाना जिसमें कपड़ा बिलकुल सीधा फटे (बजाज)
- धागे, सूत आदि के दो सिरों को जोड़ने का एक प्रकार जिसमें उनमें गांठ नहीं लगाई जाती बल्कि उन्हें मिलाकर मरोड़ भर दिया जाता है
मुरी के अंगिका अर्थ
विशेषण
- चावल को बालू में भूना हुआ सांमग्री
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- शिर, पलट जाना, दब जाना
मुरी के तुकांत शब्द
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