nand meaning in garhwali
नण्द के गढ़वाली अर्थ
नण्द के हिंदी अर्थ
नंद
संज्ञा
- आनंद, हर्ष
- सच्चिदानंद, परमेश्वर
- पुराणनुसार नौ निधियों में से एक
- स्वामी कार्तिक के एक अनुचर का नाम
- एक नाग का नाम
- घृतराष्ट्र के एक पुत्र का नाम
- वसुदेव के एक पुत्र का नाम जो मदिरा के गर्भ से उत्पन्न हुआ था
- क्रौच द्वीप के एक वर्ष पर्वत का नाम
- विष्णु
- मेढ़क
- भाग- वत के अनुसार यज्ञेश्वर (परमात्मा) के एक अनुचर का नाम
- एक प्रकार का मृदंग
-
चार प्रकार की वेणुओं या बाँसुरियों में से एक
विशेष
. वह ग्यारह अंगुल की होती और उत्तम समझी जाती है। इसके देवता रुद्र माने जाते हैं। -
एक राग का नाम
विशेष
. इसे कोई कोई मालकोस राग का पुत्र मानते हैं। -
पिंगल में ढगण को दूसरे भेद का नाम
विशेष
. इसमें एक गुरु और एक लघु होता है। () और जिसे ताल तथा ग्वाला भी कहते हैं। जैसे— राम। लाल। तान। - लड़का, बेटा, पुत्र
-
गोकुल के गोपों के मुखिया
विशेष
. इनके यहाँ श्रीकृष्ण को उनके जन्म के समय, वसुदेव जाकर रख आए थे। श्रीकृष्ण की बाल्यावस्था इन्हीं के यहाँ बीती थी। इनकी स्त्री का नाम यशोदा था। कंस के भय से ये पीछे श्रीकृष्ण को लेकर वृंदावन जा रहे थे। जब कृष्ण ने मथुरा में कंस को मारा था तब वे भी उनके साथ ही थे। इसके उपरांत जब कृष्ण मथुरा से वृंदावन नहीं लौटे तब ये बहुत दुःखी हुए थे। इसके बहुत दिन बाद जब हंस और डिभक का दमन करने के लिए वे गोवर्धन गए थे तब इन्होंने उन्हें बहुत रोकना चाहा था, पर कृष्ण ने नहीं माना। भागवत में लिखा है एक बार ये एकादशी का व्रत करके रात के समय यमुना में स्नान करते गए थे। उस समय वरुण के दूत इन्हें पकड़कर वरुण की सभा में ले गए। उस समय कृष्ण ने वहाँ जाकर इन्हें छुड़ाया। इसके अतिरिक्त उसमें यह भी लिखा है कि नंद पूर्व जन्म में दक्षप्रजापति थे और यशोदा उनकी स्त्री थी। जब यज्ञ सती ने शिव जी की निंदा सुनकर अपने प्राण त्याग दिए तब दक्ष दुःखी होकर अपनी स्त्री सहित तपस्या करने के लिए चले गए। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर सती ने प्रकट होकर उनसे कहा था कि द्वापर में फिर एक बार में तुम्हारे यहाँ जन्म लूँगी पर उस समय न मैं अधिक समय तक तुम्हारे पास रहूँगी और न तुम मुझे पहचान सकोगे। तदनुसार सती ने कन्यारूप में नंद के यहाँ यशोदा के गर्भ से जन्म लिया था। श्रीकृष्ण को नंद के यहाँ रखकर वसुदेव इसी कन्या को अपने साथ ले गए थे जिसे पीछे से कंस ने ज़मीन पर पटक दिया था और जो ज़मीन पर गिरते ही आकाश में चली गई थी। -
महात्मा बुद्ध के भाई जो उनकी विमाता के गर्भ से उत्पन्न हुए थे, बुद्ध ने बोधिज्ञान प्राप्त करने के उपरांत कपिलवस्तु में आकार इन्हें दीक्षित किया था
विशेष
. जब ये बुद्ध के साथ जा रहे थे तब कई बार अपनी स्त्री भद्रा को देखने के लिए ये लौटना चाहथे थे, पर बुद्ध ने इन्हें लौटने नहीं दिया था। बुद्ध ने इन्हें भिक्षु बनाकर सांसारिक बंधनों से छुड़ाकर स्वर्ग और नरक के उद्देश्य दिखलाए थे। - मगध देश के कई राजाओं का नाम जिनका राज्य विक्रम संवत् से 250 वर्ष पहले तक रहा और जिनके पीछे सूर्य वंश का राज्य हुआ, देखिए : 'नंदवंश'
संज्ञा
- आनंद या सुख देनेवाला
- उत्तम श्रेष्ठ
नण्द के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएनंद के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएनण्द के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएनण्द के अवधी अर्थ
नंद
- यशोदा के पति
नण्द के कन्नौजी अर्थ
नन्द, नंद
नण्द के कुमाउँनी अर्थ
नंद
- पति की बहन, ननद, ननदी
- देखिए : 'ननद'
नण्द के बुंदेली अर्थ
नन्द
नण्द के ब्रज अर्थ
नंद
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- पति की बहन
नण्द के मैथिली अर्थ
नन्द, नन्दलाल, नन्दकुमार
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- भगवान कृष्ण का पालक पिता
संज्ञा
- भगवान कृष्ण
- भगवान कृष्ण
- एक राजपूत-वंश
Noun, Feminine
- the foster father of Lord कृष्ण।
Noun
- lord कृष्ण
- lord कृष्ण
- a clan of राजपूत commnmumity.
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