pancham meaning in hindi
पंचम के हिंदी अर्थ
विशेषण
- पाँचवाँ, जैसे, पंचम वर्ण, पंचम स्वर
- रुचिर, सुंदर
- दक्ष, निपुण
संज्ञा, पुल्लिंग
-
सात स्वरों में पाँचवाँ स्वर
विशेष
. यह स्वर पिक या कोकिल के अनुरूप माना गया है । संगीत शास्त्र में इस स्वर का वर्ण ब्राह्मण, रंग श्याम, देवता महादेव, रूप इंद्र के समान और स्थान क्रौंच द्वीप लिखा है । यमली, निर्मली और कोमली नाम की इसकी तीन मूर्च्छनाएँ मानी गई हैं । भरत के अनुसार इसके उच्चारण में वायु नाभि, उरु, हृदय, कंठ और मूर्धा नामक पाँच स्थानों में लगती है, इसलिये इसे 'पंचम' कहते हैं । संगीत दामोदर का मत है कि इसमें प्राण, अपान, समान, उदान और व्यान एक साथ लगते हैं इसिलिये यह 'पंचम' कहलाता है । स्वरग्राम में इसका संकेत 'प' होता है । -
एक राग जो छह प्रधान रागों में तीसरा है
विशेष
. कोई इसे हिंडोल राग का पुत्र का और कोई भैरव का पुत्र बतलाते हैं । कुछ लोग इसे ललित और वसंत के योग से बना हुआ मानते हैं और कुछ लोग हिंडोल, गांधार और मनोहर के मेल से । सोमेश्वर के मत से इसके गाने का समय शरदऋतु और प्रातःकाल है और विभाषा, भूपाली, कर्णाटी, वडहंसिका, मालश्री, पटमंजरी नाम की इसकी छह रागिनियाँ हैं, पर कल्लिनाथ त्रिवेणी, स्तंभतीर्था, आभीरी, ककुभ, वरारी और सौवीरी को इसकी रागिनियाँ बतलाते हैं । कुछ लोग इसे ओडव जाति का राग मानते हैं और ऋषभ, कोमल पंचम और गांधार स्वरों को इसमें वर्जित बताते हैं । - वर्ग का पाँचवाँ अक्षर—ङ, ञ, ण, न और म
- मैथुन
पंचम के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएपंचम के अँग्रेज़ी अर्थ
Adjective
- fifth
- (nm) the fifth note of Indian musical scale
- one of the musical modes
पंचम के मैथिली अर्थ
संज्ञा, विशेषण
- पाँचम
- सङ्गीतक पाँचम स्वर
Noun, Adjective
- fifth.
- fifth note of gamut.
पंचम के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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