परछन

परछन के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

परछन के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • विवाह की एक रीति जिसमें स्त्रियाँ द्वारा पर वर के आने के समय उसका ऊपर मूसल बट्टा घूमाती हैं, वैवाहिक लोकाचार।

परछन के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • विवाह की एक रीति जिसमें बारात द्बार पर आने पर कन्या पक्ष की स्त्रियाँ वर के पास जाती हैं और उसे दही, अक्षत का टीका लगाती, उसकी आरती करती तथा उसके ऊपर से मूसल, बट्टा आदि धुमाती हैं

परछन के तुकांत शब्द

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परछन के यौगिक शब्द

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परछन के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक वैवाहिक रस्म जिसमें स्त्रियाँ वर को दही, अक्षत का टीका लगाती हैं और मूसल तथा सिलबट्टा ऊपर से घुमाती हैं 2. वर-वधू की आरती उतारने की रीति

परछन के बघेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वधू प्रवेश के समय पानी फेरने की परम्परागत रीति

परछन के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • वर की आरती उतारने की रीति

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