parveesh meaning in hindi
पर्वेश के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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फलित ज्योतिष के अनुसार कालभेद से ग्रहण समय के अधिपति देवता
विशेष
. बृहत्संहिता के अनुसार ब्रह्मा, चंद्र, इंद्र, कुवेर, वरुण, अग्नि और यम ये सात देवता क्रमशः छह छह महीने के ग्रहण के अधिपति देवता हुआ करते हैं । ये ह्वी सातो देवता 'पर्वेश' कहलाते हैं । भिन्न भिन्न पर्वेश के समय ग्रहण होने का भिन्न भिन्न फल होता है । ग्रहण के समय ब्रह्मा अधिपति हों तो द्विज और पशुओं की वृद्धि, मंगल, आरोग्य और धन संपत्ति की वृद्धि; चंद्रमा हो तो आरोग्य और धनसंपत्ति की वृद्धि के साथ साथ पंडितों को पीड़ा और अनावृष्टि; इंद्र हो तो राजाओं में विरोध, शरद ऋतु के धान्य का नाश और अमंगल; कुवेर हो तो धनियों के धन का नाश और दुर्भिक्ष; वरुण हो तो राजाओं का अशुभ, प्रजा का मंगल और धान्य की वृद्धि; आग्नि हो तो धान्य, आरोग्य, अभय और अच्छी वर्षा; और यम ह्वो तो अनावृष्टि, दुर्भिक्ष और धान्य की हानि होती है । इसके अतिरिक्त यदि और समय में ग्रहण हो तो क्षुधा, महामारी और अनावृष्टि होती है ।
पर्वेश के तुकांत शब्द
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