pau.nDrak meaning in braj

पौंड्रक

पौंड्रक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पौंड्रक के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • गन्ना विशेष, पौढ़ा

    उदाहरण
    . देवदत्त और पौंड्रक संख घुमान।

  • पुंड्र नामक जाति
  • एक राजा

पौंड्रक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का मोटा गन्ना, पौढ़ा
  • एक जाति
  • (पुराण) पुंड्र देश का एक राजा

    विशेष
    . यह जरासंध का संबंधी था। इसके पिता का नाम भी वसुदेव था, इससे यह अपने को वासुदेव कहता था। राजसूय यज्ञ के समय भीम ने इसे हराया था। श्रीकृष्ण के समान यह भी अपना रूप बना रहता था । नारद के द्वारा श्रीकृष्ण की महिमा सुनकर यह बहुत क्रुद्ध हुआ और कहने लगा, मेरे अतिरिक्त और दूसरा वासुदेव है कौन। इसने एकलव्य आदि वीरों को लेकर द्वारका पर चढ़ाई की पर कृष्ण के हाथ से मारा गया।

  • एक प्रकार का मोटा गन्ना

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