फोंक

फोंक के अर्थ :

फोंक के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • तीर के पीछे की नोक जिसके पास पर लगाए जाते हैं और जिसे रोंदे पर चढ़ाकर चलाते हैं, इस नोक पर गड्ढा या खड्डी बनी रहती है जिसमें धनुष की डोरी बैठ जाती है

    उदाहरण
    . बान करोर एक मुँह छुटहिं। बाजहिं जहाँ फोंक लहि फुटहिं। . शोभन सिँगार रस की सी छींट सोहे फाँक कामशर की सी कहों युगतिनि जोरि जोरि। . समर में अरि-गज-कुंभन में हनो तीर फोंक लौ समात वीर ऐसो तेजधारी है। . परिमल लुब्ध मधुप जह बैठत उड़ि न सकत तेहि ठाँते। मनहुँ मदन के हैं शर पाए फोंक बाहरी घातें।

  • सार निकल जाने पर बचा हुआ अंश, वह वस्तु जिसका रस या सत निकाल लिया गया हो, सीठी
  • भुसी, तुष, वह वस्तु जिसमें छिलका ही छिलका रह गया हो, असल चीज़ निकल गई हो
  • बिना स्वाद की वस्तु, फीकी या नीरस चीज़
  • तीर या बाण का पिछला सिरा जिसपर पंख लगाए जाते हैं
  • लंबी पोली नली, भोगली

देशज ; विशेषण

  • दलालों की बोली में 'चार'

फोंक के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • छेद, पोपा
  • वस्त्र की फटन, पोला खोखला

संज्ञा, पुल्लिंग

  • खोखला, वस्त्र की पटन, दरार के बीच का जगह

फोंक के बज्जिका अर्थ

विशेषण

  • पोला

फोंक के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लकड़ी या पेड़ के तने पर निकला हुआ नुकीला भाग

फोंक के ब्रज अर्थ

फोक

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तीर की पिछली नोक, जिस पर पंख लगे होते हैं

फोंक के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • छेद, फटोर
  • किसी वस्तु के अंदर का के खाली या रिक्त स्थान
  • भीतरी पोलापन

फोंक के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • अभ्यंतरमे रिक्त, जेना बाँस आदि; विप निसन, जेना सीसो

Adjective

  • hollow, empty.

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