पीलपाँव

पीलपाँव के अर्थ :

पीलपाँव के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • फाइलेरिया या सांझर के कारण पैरों के सूजन का एक रोग

पीलपाँव के हिंदी अर्थ

फ़ारसी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध रोग , फीलपा , श्लीपद

    विशेष
    . इसमें घुटने के नीचे एक या दोनों पैर सुजे रहते हैं । सूजन पुरानी होने पर उसमें खुजली और घाव भी हो जाता है । सूजन पहले टाँग के पिछले भाग से आरंभ होती है फिर धीरे धीरे सारी टाँग में व्याप्त हो जाती है । आरंभ में ज्वर और जिस पैर में यह रोग होनेवाला रहता है उसके पट्ठे में गिलटी निकलती है जिसमें असह्य पीड़ा होती है । वात की अधिकता में सूजन काली, रूखी, फटी और तीव्र वेदनायुक्त; पित्त की अधिकता में कोमल, पीली और दाहयुक्त तथा कफ की अधिकता में कठिन, चिकनी, सफेद या पांडुवर्ण और भारी होती है । बहुत जल्दी उपाय न करने से यह रोग असाध्य हो जाता है । सीड़वाले देशों में गह रोग अधिक होता है । कई आचार्यों के मत से हाथ, गला, कान, नाक, होठ आदि की सूजन भी इसी के अंतर्गत है ।

पीलपाँव के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक रोग विशेष, जिसमें पैर के घुटने के नीचे का भाग सूज जाता है, हाथीपाँव

पीलपाँव के ब्रज अर्थ

पीलपांव

पुल्लिंग

  • पैर का एक रोग, फीलपाँव

पीलपाँव के तुकांत शब्द

संपूर्ण देखिए

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा