puuj meaning in braj
पूज के ब्रज अर्थ
विशेषण, सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, सकर्मक
- पूजने का कार्य
- पूज्य
- पूजन करना; श्रद्धा भाव से सत्कार करना; व्यंग्यार्थ में, खूब पीटना
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
- पूर्ण होना ; कमी आदि की पूर्ति होना ; समतल होना ; ऋण चुकता होना ; किसी के बराबर पहुँचना
- पूरा करना
पूज के हिंदी अर्थ
विशेषण
- पूजने योग्य, पूजनीय
संज्ञा, पुल्लिंग
- देवता, (डिं॰)
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
पूजा, अचंना
उदाहरण
. बिना नीव जहँ देहरो बिना पूज जहँ देव । बिन बाती दीपक जहाँ बिन मूरति तहँ सेव । - खत्रियों आदि में वह गणेशपूजन जो विवाह यज्ञोपवीत आदि शुभ कर्मों के पहिले होता है, पूजा
पूज के मगही अर्थ
विशेषण
- (पूज्य) पूज्य, पूजा करने योग्य, आदरणीय
पूज के तुकांत शब्द
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