sa meaning in maithili
स के मैथिली अर्थ
- वर्णमालाक बत्तीसम व्यञ्जन
- 32nd consonant of alphabet.
स के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun
- the last of the sibilant-trio (श, ष, स) of the Devna:gri: alphabet. In Hindi sound-pattern, this one happens to be the most dominant of the three
- used as a prefix to mean accompanied by, along with, with (as सपत्नीक, accompanied by one's wife)
- belonging
स के हिंदी अर्थ
संज्ञा
- हिंदी वर्णमाला का बत्तीसवाँ व्यंजन, यह ऊष्म वर्ण है, इसका उच्चारण स्थान दंत है, इसलिये यह दंती 'स' कहा जाता है
संज्ञा, पुल्लिंग
- ईश्वर
- शिव, महादेव
- साँप
- पक्षी, चिड़िया
- वायु, हवा
- जीवात्मा
- चंद्रमा
- भृगु
- दिप्ति, कांति, चमक, १० ज्ञान
- चिंता
- गाड़ी का रास्ता, सड़क
- संगीत में षड़ज स्वर का सूचक अक्षर, जैसे,—रे, ग, म, ध, नि, स
- छंद- शास्त्र में 'सगण' शब्द का सूचक अक्षर या संक्षिप्त रूप, दे॰ 'सगण'
- घेरा, बाड़
उपसर्ग
- एक उपसर्ग जिसका प्रयोग शब्दों के आरंभ में, कुछ विशिष्ट अर्थ उत्पन्न करने के लिये होता है, जैसे,—(क) बहुब्रीहि समास में 'सह' के अर्थ में, जैसे,—सजीव = सह + जीव, सपरिवार = सह + परिवार, (ख) 'स्व या एक ही' के अर्थ में, जैसे,—सगोत्र, (ग) 'सु' के स्थान में, जैसे,— सपूत
स के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएस के अंगिका अर्थ
स:
- ई अंगिका वर्णमाला र्रो बत्तीसवां व्यंजन वर्ण छेकय, ऐकरों उच्चारण स्थान दन्त छै । यहीं से ई दन्त स कहलाय छै
स के कन्नौजी अर्थ
- देवनागरी वर्णमाला का बत्तीसवाँ और ऊष्म वर्ग का तीसरा व्यंजन वर्ण. इसका उच्चारण स्थान दंत है, इसीलिए इसे दन्त्य 'स' कहते हैं
स के कुमाउँनी अर्थ
अव्यय
-
संज्ञा शब्द के आगे लगने पर सहित, सदृश, सम, सह. समेत आदि अर्थद्योतक उपसर्ग
उदाहरण
. सजाति, सपरिवार, सकर्मक।
स के गढ़वाली अर्थ
- देवनागरी वर्णमाला का बत्तीसवां व्यंजन वर्ण
उपसर्ग
- शब्दों के आरंभ में उपसर्ग के रूप में लगने से यह 'सहित' या 'साथ' का अर्थ देता है, जैसे सपरिवार, सप्रेम
- the thirty second consonant of the Devanagari alphabet.
Prefix
- a prefix when placed before a word gives the meaning of 'with' or 'together with', along with.
स के बुंदेली अर्थ
- हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि का स वर्ण, इसका उच्चारण स्थान दन्त्य है
स के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- परमात्मा। महादेव ।; सर्प ।; हवा ।; जीवात्मा । प्राणी ।; चंद्रमा ।; भृगु ; कांति , चमक , ८. ज्ञान , बोध , ९.चिता, १०. पथ , मार्ग, सड़क, ११. संगीत में सरगम का प्रथम स्वर , १२. छंद विशेष
स के मालवी अर्थ
- मालवी एवं देवनागरी वर्णमाला का व्यंजन।
स के तुकांत शब्द
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