sa.il meaning in braj
सइल के ब्रज अर्थ
संज्ञा
- शैवाल, सिवार
सइल के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
लकड़ी की वह खूँटी या गुल्ली जो गाड़ी के कँधावर में लगाई जाती है, समदूल, सैला, घुल्ला
विशेष
. इसके लगने से बैल की गरदन दो सैलों के बीच रहरी में ठहरी रहती है और वह इधर उधर नहीं हो सकता, कभी कभी यह लोहे की भी होती है।
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
देखिए : 'शैल'
उदाहरण
. मत्तभट मुकुट दसकंध साहस सइल सृंग बिद्दरनि जनु बज्र टाँकी।
सइल के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएसइल के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- लकड़ी का छोटा डंडा, समाठ, मेख गुल्ली, मुंगरी
सइल के अवधी अर्थ
सैल
सइल के गढ़वाली अर्थ
- सैर, पर्यटन, भ्रमण
- a walk, an outing for recreation
सइल के बुंदेली अर्थ
पुल्लिंग
- बँए से बैलों की गरदन को बाहर निकलने से रोक रखने के लिए लगाई जाने वाली लकड़ी की डंडी, बैटरी
सइल के मगही अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पर्वत, पहाड़
- सैर-सपाटा, मन बहलाव के लिए घूमना-फिरना, देशाटन, मन की मौज
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