संप्रदान

संप्रदान के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

संप्रदान के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शिष्य को मंत्र दीक्षा, दीक्षा, मंत्र का उपदेश
  • भेंट
  • दान
  • व्याकरण का चतुर्थी कारक

संप्रदान के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दान देने की क्रिया या भाव
  • शिष्य को मंत्र देना, दीक्षा, मंत्रोपदेश
  • उपहार, भेंट, नज़्र
  • विवाह में देना
  • हस्तांतरित करना या पूरी तौर से दे देना, किसी अन्य की वस्तु आदि को किसी और के पास पहुँचाना
  • वह जो दान को ग्रहण करे, आदाता
  • व्याकरण में एक कारक जिसमें 'देना' शब्द क्रिया का लक्ष्य होता है, संप्रदानकारक

    विशेष
    . हिंदी में इस कारक के चिन्ह 'को' और 'के लिए' हैं। जैसे,—राम को दो। उसके लिए लाया।

संप्रदान के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

संप्रदान के मैथिली अर्थ

सम्प्रदान

संज्ञा, पुल्लिंग

  • (व्याकरण) एक कारक

Noun, Masculine

  • a case in grammar

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