sankarii meaning in braj
संकरी के ब्रज अर्थ
विशेषण
-
वर्णसंकरी , दोगली ; दे० 'संकीणं'
उदाहरण
. कुचन बीच मनु उरझो रकै न छोरि, रघवाल चित आँको संकरि खोरि । . कुचन बीच मनु उरझो रकै न छोरि, रघवाल चित आँको संकरि खोरि ।
संकरी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह जो भिग्न वर्ण या जाति के पिता और माता से उत्पन्न हो, संकर, दोगला
- मिला हुआ, मिश्रित
- अवैध संबंध रखनेवाला
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- 'शंकरी'
संकरी के अवधी अर्थ
सँकरी, सनकरि
स्त्रीलिंग
- तङ्ग
- जो ऊल-जलूल बात करे
संकरी के कन्नौजी अर्थ
सँकरी
विशेषण
- तंग, संकीर्ण
संकरी के तुकांत शब्द
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