शंखिनी

शंखिनी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - शंखनी

शंखिनी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की वनौषधि

    विशेष
    . इसकी लता और फल शिवलिंगी के समान होते हैं । अंतर केवल यही है कि शिवलिंगी के फल पर सफेद छींटे होते हैं जो शंखिनी के फल पर नहीं होते । इसके बीज शंख के समान होते हैं जिनका तेल निकलता है । वैद्यक में यह चरपरी, स्निग्ध और कड़वी, भारी, तीक्ष्ण, गरम, अग्निदीपक, बलकारक, रुचिकारी और विषविकार, आमदोष, क्षय, रुधिरविकार तथा उदरदोष आदि को शांत करनेवाली मानी जाती है ।

  • पद्मिनी आदि स्त्रियों के चार भेदों में से एक भेद

    विशेष
    . कहते हैं, ऐसी स्त्री कोपशील, कोविद, सलीम शरीरवाली, बड़ी बड़ी और सजल आँखोंवाली, देखने में सुंदर, लज्जा और शंकारहित, अधीर, रतिप्रिय, क्षार गंधयुक्त और अरुण नखवाली होती है, यह वृषभ जाति के पुरुष के लिये उपयुक्त होती है ।

    उदाहरण
    . कोइ शंखिनि युत रोष दय़ा बिन बेगि प्रचारै ।

  • गुदाद्बार की नस
  • मुँह की नाड़ी

    उदाहरण
    . मुख अस्थान शंखिनी केरा । ये नाड़िन के नाम निबेरा ।

  • एक देवी का नाम
  • सीप
  • एक शक्ति जिसकी पूजा बौद्ब लोग करते हैं
  • एक तीर्थस्थान का नाम ९
  • एक प्रकार की अप्सरा
  • शंखाहुली
  • स्वर्ग में इंद्र की सभा में नाचने-गाने वाली सुंदरियाँ
  • (कामशास्त्र) चार प्रकार की नायिकाओं (स्त्रियों) में से एक
  • एक प्रकार की वनौषधि

शंखिनी के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • one of the four major categories of women according to ancient Indian sexologists

शंखिनी के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • कामशास्त्रानुसार नायिकाक एक भेद

Noun

  • a type of lady as defined in Indian sexology.

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