श्रावण के अर्थ
'श्रावण' के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
असाढ़ के बाद और भादों के पहले का महीना, देखिए : 'सावन'
विशेष
- गणना में यह पाँचवां महीना होता है और वर्षा ऋतु में पड़ता है। इस मास को पूर्णमासी श्रवण नक्षत्र से युक्त होती है। इसीलिए इसे श्रावण कहते हैं।उदाहरण
- श्रावण में महिलाएँ झूले का विशेष आनंद लेती हैं। -
एक प्रकार का वर्ष
विशेष
- यदि श्रवण अथवा धनिष्ठा नक्षत्र में वृहस्पति उदय हो तो उस दिन से एक वर्ष तक का समय श्रावण कहलाता है। कहते हैं, इस वर्ष में धान्य खू़ब पकते हैं, सब लोग बहुत सुखी होते हैं, पर पाखंडी मनुष्य तथा उनके अनुयायी पीड़ित होते हैं। - श्रावण मास की पूर्णिमा
- शब्द जिसका ग्रहण श्रवणेंद्रिय द्वारा होता है, आवाज़
- श्रवण करने से प्राप्त ज्ञान, श्रवणजन्य ज्ञान
- श्रवण नामक तपस्वी
- नास्तिकता, पाखंड
- वंचक, पाखंडा
- मार्कंडेय पुराण के अनुसार योगियों के योग से होने वाले पाँच प्रकार के विघ्नों में से एक प्रकार का विघ्न या उपसर्ग जिसमें योगी हज़ार योजन तक के शब्द ग्रहण करके उनके अर्थ हृदयंगम करता है
विशेषण
- श्रवण नक्षत्र संबंधी, श्रवण नक्षत्र का
- श्रवण नक्षत्र में उत्पन्न
- श्रवणेंद्रिय या कान से संबंधित
- वेदविहित, वेदोक्त, वैदिक
श्रावण के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिए'श्रावण' के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- सावन का महीना, बरसात का महीना, हिंदू वर्ष का पाँचवाँ महीना
'श्रावण' के मैथिली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- सावन, पाँचवाँ महीना
विशेषण
- श्रवण संबंधी
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