व के अर्थ :

व के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पवन ।; वरुण ।; राहु ।;. परामर्श । मंत्रणा ।; सांत्वना।; कल्याण । भलाई; बलवान, ८. व्याघ्र, ९. वसन, वस्त्र, १०. अभिवादन, ११.खंगधारी पुरुष , १२. लता विशेष , १३. वृक्ष विशेष , १४. कलसे से निकली हुई ध्वनि , १५. प्रचेता

व के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the last of the traditional semi-vowel set य, र, ल, व. Modern phoneticians, however, regard only य and व as semi-vowels and not र and ल which, according to them, are pure consonants
  • a conjunctive particle meaning 'and' (as भारत व पाकिस्तान)

व के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा

  • हिंदी या संस्कृत वर्णमाला का उन्नीसवाँ व्यंजन वर्ण, जो उकार का विकार और अंतस्थ अर्धव्यंजन माना जाता है, इसका उच्चारणस्थान दंत्योष्ठ है, अर्थात् दाँत और से इसका उच्चारण होता है, प्रयत्न ईषत्स्पृष्ट होता है, अर्थात् उच्चारण के समय दाँतों का ओठ से कुछ स्पर्श होता है, हिंदी में इस वर्ण का उच्चाऱण अधिकतर केवल ओठ से होता है; केवल संस्कृताम्यासी लोग ही शुद्ध दंत्योष्ठ उच्चारण करते हैं

    उदाहरण
    . व का उच्चारण दाँत और होंठ की सहायता से किया जाता है।


संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • वायु
  • बाण
  • शरीर , देह
  • रूप
  • वरुण
  • बाहु
  • सौंदर्य (को॰)
  • मंत्रणा
  • सत्व , सत्ता , नैसर्गिक प्रवृत्ति
  • कल्याण
  • पानी (वेद)
  • आश्चर्य (को॰)
  • सांत्वना
  • अंश (को॰)
  • वसति, बस्ती
  • वरुणालय, समुद्र,
  • शार्दूल
  • वस्त्र
  • कोई का कंद, सेरकी
  • जल में उत्पन्न होनेवाले कंद, शालूक
  • वंदन
  • अस्त्र
  • खङ्गधारी पुरुष
  • मूर्वा नामक लता
  • वृक्ष
  • कलश से उत्पन्न ध्वनि,
  • मद्य
  • प्रचेता, २२, पानी, जल
  • आदर, संमान
  • राहु

विशेषण

  • बलवान्

फ़ारसी ; अव्यय

  • और, जैसे,—राजा व रईस

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • दक्ष की एक कन्या का नाम जो धर्मराज की पत्नी थी

व के अंगिका अर्थ

व :

  • ई अंगिका वर्णमाला रौं उन्नतीसवां व्यंजन वर्ण छेकय जे उकार केरों विकार आरु अंतस्थ अर्द्ध वयंजन मानलो जाय छै। अंगिका एंकरों उच्चारण स्थान ओठ छै। मतरकि उच्चारण में ई 'ब' र्रो स्थान लैय छै । आरू लिखित प्रयोग वांछनीय छै

व के कन्नौजी अर्थ

सर्वनाम

  • देवनागरी वर्णमाला का उन्तीसवाँ और चौथा अन्तस्थ वर्ण. उच्चारण स्थान दन्तोष्ठ
  • वे

व के कुमाउँनी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का उन्नीसवाँ पंजन वर्ण; उच्चारण की दृष्टि से अन्तस्थ, सघोष, अल्पप्राण, अर्द्ध-स्वर

व के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का उन्तीसवां व्यंजन वर्ण, गढ़वाली के उच्चरित रूप में सामान्यतः 'व' तथा 'ब' परस्पर स्थानापन्न होते हैं

  • the twenty nineth consonant of Devanagari alphabet. This sound is genrally substituted with sound 'ba' in spoken Garhwali.

व के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि का अन्तस्थ व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण दन्त्य अथवा दन्त्यौष्ठ है

व के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक उनतीसम व्यञ्जन

  • 29th consonant of alphabet.

व के मालवी अर्थ

  • मालवी एवं देवनागरी का व्यंजन।

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