वरतमान

वरतमान के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वरतमान के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वर्तमान व्याकरण में क्रिया का वह रूप जिसमें यह सूचित होता है कि क्रिया अभी होती है या हो रही है समाप्त नहीं हुई है।

विशेषण

  • विद्यमान, उपस्थित

वरतमान के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • दृश्य जगत् जो वर्तमान है

    उदाहरण
    . वरतमान मँह सतगुरु सारा । सतगुरु भव तारन कडिहारा ।

वरतमान के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वर्तमान, चालू समय, विद्यमान।

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