Synonyms of jyotishmatii
ज्योतिष्मती के पर्यायवाची शब्द
-
अग्निगर्भा
शमी वृक्ष
-
अतिविषा
एक ज़हरीली औषधि, अतीस, हिमालय के अंचल में होने वाला एक पौधा
-
अमृता
गुर्च
-
आमलकी
छोटी जाति का आँवला, आँवली
-
कनकप्रभा
महाज्योतिषमति लता
-
कलापिनी
मोर पक्षी की मादा
-
कादंबरी
कोकील, कोयल
-
क्षणदा
रात्रि, रात
-
क्षपा
रात, रजनी ; हल्दी
-
तमस्विनी
रात्रि, रात, रजनी
-
तमा
राहु
-
तमी
रात्रि
-
तीक्ष्णा
बच
-
तीव्रा
षढज स्वर की चार श्रुतियों में से पहली श्रुति
-
तुलसी
प्रसिद्ध पौदा जिसकी पूजा होती है
-
त्रियामा
रात्रि
-
दूर्वा
दूब नाम की घास
-
दोषा
रात्रि , रात
-
धीरा
साहित्य में वह नायिका जो अपने नायक के शरीर पर पर-स्त्री-रमण के चिह्न देखकर व्यंग्य से कोप प्रकाशित करे, ताने सरे अपना क्रोध प्रकट करनेवाली नायिका
-
नक्त
वह समय जब दिन केवल एक मुहूर्त ही रह गया हो, बिलकुल संध्या का समय
-
नटी
नट जाति की एक स्त्री, नॉचने वाली स्त्री अभिनेत्री
-
निशा
रात्रि, रजनी, रात
-
निशि
राति
-
निशीथ
सोने का समय, रात
-
निशीथिनी
सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय, रात्री, रात
-
पिप्पली
दे. पिपर, पिपरि and पितरामूल
-
मदिरा
कुछ विशिष्ट प्रकार के अन्नों, फलों, रसों आदि को सड़ाकर उनका भभके से खींचकर निकाला जाने वाला नशीला रस, नशीला तरल पदार्थ, वह अंक जिसके पीने से नशा हो, शराब, दारू, मद्य
-
मालकंगनी
वृक्षों पर फैलनेवाली एक लता जिसके बीजों से तेल निकलता है
-
मेध्या
केतकी, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, मंडूकी आदि बुद्धिवर्द्धक बूटियों का वर्ग
-
यामा
सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय
-
यामिनी
रात
-
याम्य
यम संबंधी, यम का
-
रजनी
रात , निशा , रात्रि
-
रम्या
रात
-
रात
रात्रि
-
रात्रि
उतना समय जितने समय तक सूर्य का प्रकाश न दिखाई पड़े, संध्या से लेकर प्रातःकाल तक का समय, सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय, रजनी, रात, निशा
-
रैन
रात
-
लवणा
दीप्ति, आभा
-
वायसी
छोटी मकोय जिसमें गुच्छों में गोल मिर्च के समान लाल फल लगते हैं, काकमाची
-
विभावरी
रजनी , रात , निशा; कुटनी स्त्री
-
शत्वरी
रात्रि, रात
-
शमनी
रात, रावि
-
शर्मा
ब्राहमणों की उपाधि, हिंदुओं में एक कुलनाम या सरनेम
-
शर्वरी
रात्रि
-
शुषिरा
नदी, दरिया
-
श्यामा
राधा, राधिका, एक प्रसिद्ध सुरीला काला पक्षी, सोलह वर्ष की युवती, षोडशी, काले रंग की गाय, यमुना नदी, रात, श्याम रंग वाली,काली।
-
संध्या
शाम, सायंकाल, साँझ
-
सीता
भूमि को जोतने पर हल की चाल से पड़ी हुई रेखा, जानकी, राम की पत्नी सीताजी।
-
हरीतकी
त्रिफलाक एक फल
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2025 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
बेहतर और सरल अनुभव के लिए हिन्दवी डिक्शनरी ऐप
डाउनलोड कीजिएक्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा