ऊ :

ऊ : के अर्थ :

ऊ : के अंगिका अर्थ

  • ईं संवृत पश्चय निम्न दीर्घ स्वर छेकय । हेकरों उच्चारण में जिह्वा रॉ पिछला भाग 'ड' नांकि तनटा जादे ऊपर उठय छै आरू ठोर जादे आगू बढ़ी के तनटा जादे गोल होय जाय छै। अंगिका भाषा में ई ध्वनि रॉ स्वतंत्र प्रयोग पैयलों जाय छै । यहा- 'उ' रॉ- विकृत रूप छेकय अत' :ऊ'

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