ऊर

ऊर के अर्थ :

ऊर के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सीमा

विशेषण

  • नीरस, स्वादहीन

अकर्मक क्रिया

  • उड़ना
  • ऊरी फिर—(उड़ी फिरना) स्थिर न रहना , बेहद चंचल होना

    उदाहरण
    . नेक न नीचिये बैठति नागरी, जोबन हाथ लिये फिर ऊरी ।

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