bach meaning in maithili
बच के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- चव्य, एक वनौषधि
Noun
- orris root: Acorus colamus; Piper Chuvya.
बच के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक प्रकार का पौधा जो ओषधि के काम में आता हैं
विशेष
. यह पौधा काशमीर से ऐ आसाम तक तथा मनीपुर और बर्मा में दो हजार से छह हजार फुट तक ऊँचे पहाड़ों पर पानी के किनारे होता है । इसकी पत्ती सौसन की पत्ती के आकार की पर उससे कुछ बड़ी होती है । इसके फूल नरगिस के फूल की तरह पीले होते हैं । पत्तियों की नाल लंबी होती है । पत्तियों से एक प्रकार का तेल निकाला जाता है जो खुला रहने से उड़ जाता है । इसकी जल लाली लिए सफेद रंग की होती है जिसमें अनेक गाँठें होती हैं । पत्तियाँ खाने में कड़ुवी, चपंरी और गरम होती हैं और उनमें से तेज गंध निकलती है । वैद्यक में इसे वमनकारक, दीपन, मल और मूत्रशोधक और कंठ को हितकर माना है, तथा शूल, शोथ, वातज्वर, कफ, मृगी ओर उन्माद का नाशक लिखा है । यह गठिया में ऊपर से लगाई भी जाती है । भावप्रकाश में बच तीन प्रकार की लिखी गई है— (१) बच, (२) खुरासानी बच और (३) महाभरी बच । खुरासानी बच सफेद होती है । इसे मीठी बच भई कहते हैं । यह मति ओर मेधावर्धक तथा आयुवर्धक होती है । महाभरी को कुलीजन भी कहते हैं । यह कफ और खाँसी को दूर करती है, गले को साफ करती है, रुचि को बढ़ाती तथा मुख को शुद्ध करती है । - विशेषकर दलदल भूमि या नदी-नालों के किनारे पाया जानेवाला एक औषधीय पौधा
- जलाशयों के किनारे होने वाला एक पर्वतीय पौधा जो औषधि के काम में आता है
- पर्वतीय प्रदेश के जलाशयों के तट पर होनेवाला एक प्रकार का पौधा जिसके अंगों का उपयोग औषधों में होता है
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
वचन , वाक्य , बात
उदाहरण
. नैनन ही बिहँसि बिहँसि कौलों बोलिहौ जू बच हूँ तो बोलिए बिहँसि मुख बाल सों । . जइओं समीर सीतल बहु सजनी मन बच उड़ल सरीर । . जौं मोरे मन बच अरु काया । प्रति राम पदकमल अमाया । -
गाय का बच्चा बछड़
उदाहरण
. बाल बिलख मुख गो न चरति तृण बछ पय पियन न धावैं । देखत अपनी आँखियेन ऊघो हम कहि कहा जनावैं । . राक्षस तहाँ धेत बछ भष्णं ।
बच के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएबच के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएबच के अवधी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक औषधि
बच के बघेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक औषधीय वनस्पति विशेष
बच के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक जड़ी जो दवाओं के काम विशेषकर कीट नाशक दवाओं के काम आती है
बच के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
- सुरक्षित होना ; अवशिष्ट होना ; किसी चीज को प्राप्त करने से वंचित होना
बच के मगही अर्थ
हिंदी ; संज्ञा
- बनौषधि का एक पौधा; बच्चा का छोटा रूप
बच के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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