buuk meaning in awadhi
बूक के अवधी अर्थ
संज्ञा
- मुट्ठी
बूक के हिंदी अर्थ
देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
माजूफल की जाति का एक प्रकार का बड़ा वृक्ष , सलसी
विशेष
. यह पूर्वी हिमालय में ५००० से ९००० फुट की ऊँचाई तक पाया जाता है और प्रायः ७५ से १०० हाथ ऊँचा होता है । इसकी लकड़ी यदि सूखे स्थान में रहे तो बहुत दिनों तक खराब नहीं होती । इस लकड़ी से खंभे, चौखटे और धरनें आदि बनाई जाती हैं । दारजिलिंग के आस पास के जंगलों में इससे बढ़कर उपयोगी और कोई वृक्ष कदाचित् ही होता है । वहाँ इसकी पत्तियों से चमडा भी सिझाया जाता है ।
हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
हाथ के पंजों की वह स्थिति जो उँगलियों को बिना हथेली से लगाए किसी वस्तु को पकड़ने, उठाने या लेने के समय होती है, चंगुल, बकोटा
उदाहरण
. पुनि सँधान बहु आनहिं परसहिं बूकहि बूक । करे सँवार गुसाई जहाँ परी कछु चूक ।
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- कलेजा, हृदय, वक्ष
बूक के ब्रज अर्थ
सकर्मक क्रिया
- चूर्ण करना , बारीक पीसना या कूटना
बूक के मगही अर्थ
अरबी ; संज्ञा
- दे. 'बुक'
बूक के तुकांत शब्द
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