chop meaning in bhojpuri
चोप के भोजपुरी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
शमियाना खड़ा करने का बाँस;
उदाहरण
. बड़का शामियाना में बावन गो चोप होला। -
आम के फल के ऊपरी सिरे से निकला रस;
उदाहरण
. आम के चोप कपड़ा में लाग गइला पर जल्दी ना छोड़ेला । -
चाह, इच्छा;
उदाहरण
. ऊ रसगुल्ला पर बड़ा चोप करेलन।
Noun, Masculine
- bamboo pole to erect a shamiana.
- mango juice emerging from its top end.
- desire, wish.
चोप के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- wish, desire, will, wish or lust filled with excitement
- showing off
- see चेंप
- zest, aspiration
चोप के हिंदी अर्थ
चूप, चौप
हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
चाह, इच्छा, ख्वाहिश
उदाहरण
. श्रवन शब्द कौं ग्रहत है नयन ग्रहत हैं रूप । गंध ग्रहत है नासिका रसना रस की चूप। -
चाव, शौक, रुचि
उदाहरण
. दै उर जेब जवाहिर का पुनि चोप सो चूँदरि लै पहिरावत । -
उत्साह, उमंग
उदाहरण
. चीर के चोंच चकोरन की मनो चोप ते चंग चुवावत चारे। . अरुन नयन भृकुटी कुटिल चितवत नृपन्ह सकोप । मनहु मत्त गजगन निरखि सिंघ किसोरहि चोप — मानस १ ।२६७ । - बढ़ावा, उत्तेजना, क्रि॰ प्र॰ — देना, । क्रि॰ प्र॰ $ चढ़ना ।
-
कच्चे आम की ढेपनो का वह रस जो उसमें से सींके तोड़ते समय बहता है
विशेष
. इसका असर तेजाब का सा होता है । शरीर में जहाँ लग जाता है, वहाँ छाला पड़ जाता है । -
आम की ढेपनी या मुँह से निकलनेवाला चिपचिपा तीखारस
उदाहरण
. चोप लगने से कपड़े में दाग़ पड़ता है । - इच्छा, आशा, ख्वाहिश, उम्मीद, उत्साह और उमंग से भरी हुई कामना या वासना, उत्साह या उमंग बढ़ाने वाला काम, चीज या बात
फ़ारसी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- देखिए : 'चोब'
चोप के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिएचोप के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- इच्छा, चाह, उमंग
चोप के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पेड़ पौधों में कुछ चुभाने या उनका डंठल तोड़ने पर निकलने वाला तरल द्रव्य या रस, तिमिल, बेहू या खिन के पेड़ों से पत्तियाँ तोड़ने या उन पर कुछ चुभाने से जो स्राव होता है
चोप के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- अक्र, लीसा, गोन्द, किसी पेड़ या फल के काटने या कुछ पौधों के तोड़ने पर उससे निकलने वाला दूध जैसा पदार्थ
- कुछ वृक्ष विशेष व फलों से निकलने वाला सफेद पदार्थ
Noun, Masculine
- distal, essence of tree, resin.
- resin, milk like liquid substance from some trees, plants or fruits.
चोप के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- आम की ठेपी का तेज़ रस, ताड़ के पत्तों का पीट कर बनाया गया रस्सा. सामियाने की रस्सी
चोप के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- इच्छा, शौक, चाव, उत्साह, उमंग
चोप के ब्रज अर्थ
चौप, चोब, चोभ
पुल्लिंग
- चाह ; उत्कट अभिलाषा ; रुचि ; उत्साह , उमंग
स्त्रीलिंग
-
सोने या चाँदी मढ़ी हुई छड़ी; खेमे का डंडा; नगाड़ा आदि बजाने का डंडा
उदाहरण
. घरी घननाय नगारन चोभ ।
चोप के मगही अर्थ
देशज ; संज्ञा
- ताड़ के व्रत (खगड़ा, डाल) का रेशा जिसकी रस्सी बनती है; इस रेशे की रस्सी; शामियाने का खंभा यथा: बत्तिस चोंप के सामियाना; ताशा, नगाड़ा आदि को बजाने की लकड़ी, चोब; बाजों पर बजाने के धुन की इकाई; (चपचपा) आम आदि फलों का रस, लस्सी, दूध; (चाव) इच्छा, चाह, उमंग
चोप के मैथिली अर्थ
चोब
संज्ञा
- उपर मोट मढ़ल लाठी, सोटा, तम्बूक खाम्ह
Noun
- staff, pole, mace, tentpin.
चोप के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- चौपे, रोपा, जमीन में रोपने के पौधे, दाँतों पर लगा सोना।
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