काँस

काँस के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

काँस के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • परती अथवा ऊँची और ढलुई ज़मीन में होने वाली एक प्रकार की लंबी घास जो शरद् ऋतु में फूलती है, एक प्रकार की लंबी घास जिसे बटकर टोकरे, रस्सियाँ आदि बनाते हैं, काश, कास

    विशेष
    . कोई-कोई 'काँस' शब्द को स्त्रीलिंग में भी बोलते हैं। . काँस पतियाँ दो-ढाई हाथ लंबी और सिर से भी पतली होती हैं। काँस पुरसा भर तक बढ़ता है और बर्षा के अंत में फलता है। फूल जीरे में सफे़द रूई की तरह लगते हैं। काँस रस्सियाँ बटने और टोकरे आदि बनाने के काम में आता है। इसकी एक पहाड़ी जाति बनकस या बगई कहलाती है जिसकी रस्सियाँ ज्यादा मज़बूत होती हैं और जिससे काग़ज़ भी बनता है।

    उदाहरण
    . फूले काँस सकल महि छाई। जनु वर्षा ऋतु प्रगट बुढाई।

  • विकट या संकटपूर्ण स्थिति

    उदाहरण
    . इस समय वह काँस में पड़ा हुआ है।

काँस से संबंधित मुहावरे

काँस के अवधी अर्थ

  • एक जंगली और लंबी घास जो बरसात में होती है

काँस के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक लंबी घास जो शरद ऋतु में फूलती है

काँस के गढ़वाली अर्थ

  • कुशा, लम्बी पत्तियों वाली घास, छप्पर ढकने के काम आने वाली घास विशेष, पूजा के आसन व पितृ कार्य में प्रयोग में लायी जाने वाली पवित्र घास
  • a wild grass, a sacred grass used in religious rituals by the Hindus.

काँस के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कुश की एक जाति जो खेतों में पैदा हो जाता है, तो खेतों में कुछ भी पैदा नहीं होता है, इसका फूलना शरद ऋतु के आगमन का संकेत माना जाता है

काँस के ब्रज अर्थ

कांस

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ऊँची और ढालू भूमि में उत्पन्न होने वाली लंबी पैनी घास

काँस के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक मिश्रधातु

Noun, Masculine

  • bell metal

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