kheev meaning in braj
खेव के ब्रज अर्थ
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
-
खेना
उदाहरण
. कौन पुन्य अहीर अपरिमित पूरब कर्मनि खेव ।
खेव के हिंदी अर्थ
देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक प्रकार की घास
विशेष
. वर्षा ऋतु में पहला पानी पड़ते ही यह बहुत अधिकता से उगती है और इसे घोड़े बहुत प्रमन्नता से खाते हैं । इसे पलंजी या ऊसर की घास भी कहते हैं ।
खेव के मगही अर्थ
हिंदी ; संज्ञा
- नाव खेने की क्रिया या भाव, जीवनयापन
खेव के तुकांत शब्द
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