सरमा

सरमा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

सरमा के मालवी अर्थ

संज्ञा, क्रिया, पुल्लिंग

  • शर्मा, ब्राह्मणों की एक उपाधि।

सरमा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • देवताओं की एक कुतिया

    विशेष
    . ऋग्वेद में यह ईंद्र की कुतिया और यमराज के चार आँखेंवाले कुत्तों की माता कही गई है । पणि लोग जब इंद्र की या आर्यों की गौएँ चुरा ले गए थे, तब यह उन्हें जाकर ढूँढ लाई थी । महाभारत में इसका उल्लेख देवशुनी के नाम से हुआ है । सरमा देवशुनी ऋग्वेद के एक मंत्र की द्रष्टा भी है ।

  • कुतिया
  • कश्यप की एक स्त्री का नाम , (अग्नि पु॰)
  • दक्ष की पुत्री का नाम (को॰)
  • विभीषण की स्त्री का नाम (को॰)

सरमा के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शर्मा. 1. ब्राह्मण वर्ण बोधक उपाधि. 2. ब्राह्मणों से इतर बढ़ई जाति के लोग भी शर्मा लिखते हैं

सरमा के ब्रज अर्थ

अकर्मक क्रिया, अकर्मक

  • लजाना , संकोच करना

    उदाहरण
    . उरज परसत स्याम सुंदर नागरी सरमाइ ।


स्त्रीलिंग

  • देव लोक की कुतिया

विशेषण

  • बहादुर , वीर , योद्धा

    उदाहरण
    . सूरदास सिर देत सूरमा ।

  • स्थिति

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