मंड्या के तुकांत शब्द
श्रेणी : 1
अकया
अछ्य
अज्ञ
अत्य
अद्य
अभ्य
इज्य
इभ्य
इष्य
उख्य
कटया
कुड्य
कृत्य
कुद्य
कब्य
क्रय्य
कल्य
कव्य
कश्य
क्षणद्य
कित्य
खल्या
खिल्य
गद्य
गृध्य
गन्य
गव्य
गुह्य
गृह्य
गहया
घट्य
घृण्य
चित्य
छुन्या
जन्य
जप्य
जय्य
जुष्य
जित्या
ठटया
डिठ्या
तग्या
तत्या
तथ्य
तप्य
तुर्या
त्रिज्ञ
त्रिज्या
त्रिपया
तस्य
तिथ्या
तिल्य
तिष्य
तिहया
दम्य
द्रव्य
दृश्य
दह्य
दित्य
दिव्य
दिश्य
धुज्य
धन्य
धय्य
धुर्य
धृष्य
नटया
नृत्य
नभ्य
नव्य
नस्य
नित्य
निष्य
पुख्य
पुज्य
पठ्य
पण्या
पत्य
पथ्य
पद्य
प्रकट्य
प्रख्य
प्रगुण्य
प्रज्ञ
प्रजन्य
प्रणम्य
प्रतिज्ञ
प्रदव्य
प्रदिव्य
प्रशक्य
प्रशस्य
प्रसज्य
प्रसह्य
पष्या
पुस्य
फल्य
बँटया
बथ्य
बध्य
बुनया
ब्रह्य
बिल्य
भज्य
भुज्य
भृत्य
भर्य
भव्य
भष्य
भिद्य
मुत्य
मथ्य
मध्य
मन्य
मर्य
मुह्य
यग्य
युग्य
यज्य
युज्य
यमया
यव्य
रुच्य
रछया
रथ्या
रुप्य
रम्य
रस्य
रिष्य
लव्य
लिख्य
वृत्य
वद्य
वध्य
वन्य
व्यज्य
व्यध्य
व्रज्या
वर्य
वश्य
वृष्य
वस्य
विग्य
विज्य
विद्य
विध्य
शक्य
शत्य
श्रुत्य
शर्य
श्रव्य
शल्या
शव्य
श्वसुर्य
शश्य
शस्य
शिक्य
शिष्य
सख्य
सज्य
स्तन्य
सत्य
सुत्य
स्तर्य
स्तवन्य
स्थपत्य
सद्य
स्पृश्य
सभ्य
संय
स्रव्य
स्वकुल्य
सव्य
सुवया
स्विध्य
सस्य
सह्य
सिक्य
सिष्य
सिस्य
हत्य
हृद्य
हल्य
हव्य
हिम्य
श्रेणी : 2
अकुण्य
अकत्य
अकथ्य
अकुप्य
अकल्य
अगत्या
अगम्य
अघट्य
अचित्य
अजन्य
अजर्य
अणव्य
अतुल्य
अदम्य
अदिव्य
अधन्य
अधिज्य
अनद्य
अनन्य
अनिद्य
अनिभ्य
अपज्य
अपण्य
अपुण्य
अपत्य
अपथ्य
अपुष्य
अबद्य
अबल्य
अबस्य
अबिध्य
अभव्य
अभिज्ञ
अभिल्या
अमुख्य
अमुष्य
अरच्य
अलभ्य
अवद्य
अवश्य
अवस्य
अविद्य
असत्य
असभ्य
अहल्य
इषव्य
ईड्य
उतथ्य
उदक्य
उदर्या
उरस्य
उलप्य
उलुप्य
ऊह्य
ऐक्य
ऐन्य
ऐश्य
कृतज्ञ
कदर्य
कवल्य
कशर्य
खणिक्य
खमध्य
गुणज्ञ
गणमुख्य
जघन्य
जितवया
झपलया
त्रिबिद्य
त्रिवल्य
दृढ़व्य
द्युसह्य
द्विशत्य
द्विहल्य
देशज्ञ
नगण्य
नभस्य
नमस्या
नहुष्य
निपत्या
निविद्य
निहिचया
पृतन्या
पतिव्य
पयस्य
परछ्या
प्रसव्य
पुलस्य
पशव्य
पिचव्य
फिरकया
बचवया
बहुज्ञ
बिसमया
भुजिष्या
भरण्य
भविश्य
भिषज्य
मनुष्य
मनोज्ञ
मुयस्य
मुसल्य
यवक्य
युवन्य
रुचिष्य
रहस्य
लिपिज्ञ
लोकज्ञ
वजन्य
वृजन्य
वणिज्य
वदन्य
वयस्य
विजन्या
विधव्य
विधिज्ञ
विपण्य
विपव्य
विभज्य
विभद्य
विमद्य
विरण्य
विरथ्य
विवच्य
विशल्या
शरण्य
शिरस्य
सुकन्या
सकुल्य
सुकल्य
सुघट्य
सजन्य
सतथ्य
स्थितज्ञ
सदुद्य
सदस्य
सुपुन्य
सुपर्य
समज्या
सुमध्य
सुयज्ञ
सरण्य
सुरत्य
सरव्य
सवर्य
सुवश्य
सुविज्ञ
सविद्य
सुविद्य
सशल्य
सुशल्य
सशस्य
सुसत्या
सहस्य
सितव्य
हृदय्य
हविष्य
हिरण्य
श्रेणी : 3
अकृत्य
अक्षुण्य
अक्षुध्य
अकृष्य
अक्षय्य
अक्षर्य
अग्रह्य
अजघन्य
अजपथ्य
अठसिल्या
अत्तव्य
अत्युक्या
अत्रत्य
अंतर्य
अद्रव्य
अदृश्य
अदृस्य
अध्वन्य
अधृष्य
अनभिज्ञ
अनरण्य
अन्वयज्ञ
अप्रज्ञ
अपसव्य
अबरन्य
अमृष्य
अयशत्य
अयशस्य
अरसज्ञ
अल्पज्ञ
अव्यथ्य
अव्रत्य
अवसथ्य
अवसव्य
अश्रव्य
अहृद्य
आकल्य
आचर्य
आचित्य
आतुर्य
आतिथ्य
आदर्य
आदित्य
आधिक्य
आबल्य
आयुष्य
आरण्य
आरुण्य
आरस्य
आलिंग्य
आवश्य
आहुल्य
उद्धव्य
उपचर्या
उपतिष्य
उपलभ्य
उपविद्य
उपशल्य
उर्वर्य
एकलया
एकहल्य
औजस्य
औदर्य
औधस्य
कुकृत्य
कैड़र्य
कदपत्य
कर्तव्य
कर्मण्य
कैवल्य
क्षेत्रज्ञ
क्षंतव्य
कापट्य
कायव्य
कारुण्य
कालज्ञ
काष्णर्य
कौरव्य
कौशिल्या
खच्यल्य
गजमुख्य
गंतव्य
गृध्रस्या
ग्रहीतव्य
गाणपत्य
गाणिक्य
गौरिष्य
घ्रातव्य
चक्षुष्य
चेतन्य
चैतन्य
चर्चिक्य
चर्मण्य
चाणक्य
चापल्य
चित्ररया
चौलुक्य
जपतव्य
जलजन्य
जीवव्य
ठगविद्या
तत्रत्य
तैमित्य
त्यक्तव्य
त्रैगुण्य
त्रैविद्य
तापत्य
तारुण्य
तालव्य
दग्धव्य
दुर्दम्य
दुर्लध्य
द्रष्टव्य
द्वैगुण्य
दैवज्ञ
देवत्य
देवयज्ञ
दुश्चित्य
दाढर्य
दातव्य
दिग्कन्या
दोहत्या
दौःशोल्य
धेनुष्या
धर्मज्ञ
धानुष्य
धामिक्य
नैऋत्य
नैपुण्य
नभृत्य
न्यायज्ञ
नवयज्ञ
नैविड्य
नैषध्य
नापित्य
निःशल्य
निरबद्य
निर्मथ्या
निर्मल्या
निरवद्य
निर्विद्य
पक्तव्य
पुंडर्य
पंडिक्य
प्रगृह्य
पर्जन्य
प्रथमतया
प्रभावश्य
प्रमातव्य
पर्यन्य
प्रष्टव्य
प्रहंतव्य
प्राखर्य
प्रागट्य
प्रातिज्ञ
प्राथम्य
प्रादुष्य
प्रामित्य
प्रायत्य
प्रियसत्य
पुष्पज्ञ
पातित्य
पारक्य
पारव्य
पारुष्य
पितृव्य
पोषव्य
पौदन्य
बैकल्य
बघबध्य
ब्रह्मण्य
ब्रह्यज्ञ
बाणिज्य
बादित्य
बाधिर्य
बायब्य
बोधब्य
बोधव्य
भुजमध्य
भूतनया
भेतव्य
भेदज्ञ
भेपज्य
भूमध्य
भर्तव्य
भ्रमजन्य
भैषज्य
भावज्ञ
भौजिष्य
मुख्यतया
मंगल्य
मंतव्य
मर्मज्ञ
माणव्य
माणिक्य
मानव्य
मानुष्य
मापत्य
यवमद्य
यवमध्य
यष्टव्य
यारच्य
योजन्य
यौषिण्य
रणतृर्य
रंतव्य
रैवत्य
रातहव्य
राहित्य
लक्षण्य
लक्षिण्य
लेलिह्य
लालित्य
लोकयज्ञ
लोमश्य
लोहित्य
वक्तव्य
वैकल्य
वैचित्य
वैजन्य
वैतथ्य
वैतुष्य
वैतहव्य
वैदुर्य
वैधुर्य
वैधव्य
वैभिन्य
वैरल्य
वैरस्य
वैविध्य
वैशद्य
वैशिक्य
वैष्णव्य
वाडव्य
वाणिज्य
वातव्य
वायव्य
वारुण्य
विद्युत्य
विषतुल्य
विसृज्य
विस्रस्य
वोढव्य
शंकव्य
शर्मण्य
शरशय्या
शैलिक्य
शामुल्य
शारद्य
षष्टिक्य
सुकृत्य
सक्तव्य
संकल्य
सुखगम्य
सुखलभ्य
सुखशय्या
स्तनमध्य
स्तैमित्य
स्त्रीतुल्य
स्त्रीवश्य
सत्वस्य
स्थातव्य
स्थापत्य
सद्रव्य
सद्विद्य
सदृश्य
स्प्रष्टव्य
स्पष्टतया
संभव्य
स्मर्तव्य
स्मरस्मर्य
संयम्य
सरबग्य
सुरमण्य
सर्वज्ञ
सर्वजया
स्रवद्मध्य
स्रष्टव्य
सरहस्य
स्रोतस्य
स्वर्मध्य
स्वाजन्य
स्वारस्य
स्वावश्य
सहजन्य
साकल्य
साखिल्य
सागुन्य
साजुज्य
सानिध्य
सापत्य
सामग्य
सामन्य
सामित्य
सारुप्य
सारस्य
सावद्य
साहित्य
सोढव्य
सोदर्य
सौगम्य
सौचुक्य
सौचिक्य
सौदर्य
सौनत्य
सौनव्य
सौबल्य
सौवणर्य
सौशल्य
सौषिर्य
हंतव्य
हर्तव्य
ह्वातव्य
हातव्य
हानव्य
हारम्य
हितपथ्य
होतब्य
होतव्य
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